VIDESH YOG IN KUNDLI

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जानें आपकी कुंडली में विदेश यात्रा के योग है या नहीं। प्रत्येक व्यक्ति का सपना विदेश जाने का अवश्य होता है। कुछ लोग घूमने जाना चाहते हैं कुछ लोग पढ़ने के लिए या कुछ लोग विदेश में बसना चाहते हैं। परंतु विदेश में जाना एक सपना जैसा होता है। कुछ लोग इसे किस्मत का खेल कहते हैं। पर इसका असली रहस्य कुंडली में छिपा होता है।
 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में कुछ ऐसे ग्रह होते हैं। जो विदेश की यात्रा को दर्शाते हैं। कुंडली में विदेश यात्रा के योग बनते हैं। इन्ही योगों के कारण विदेश में यात्रा और विदेश में रहना मुमकिन हो पाता है।ज्योतिष शास्त्र में विदेश यात्रा के कारण-
 
कुंडली में विदेश यात्रा के योग बनते हैं। विदेश यात्रा के कारण ज्योतिष शास्त्र में कई होते हैं। जैसे कुंडली में बन रहे योग और कुछ कारक ग्रह। के ज्योतिषी के अनुसार अगर सूर्य(sun) लग्न के स्थान पर स्थित होता है। तब कुंडली में विदेश यात्रा का योग बनता है।
 
विदेश यात्रा के प्रमुख कारण, जिसकी वजह से लोग विदेश में यात्रा करते हैं।  जैसे- शिक्षा का उद्देश्य,विवाह के कारण, यात्रा करने के लिए और विदेश में रहने के लिए, यह प्रमुख कारण हैं। आइये जानते हैं ज्योतिष भाव के बारे में जो विदेश यात्रा को दर्शाते हैं।
कुंडली में विदेश यात्रा योग–
 

किसी व्यक्ति की कुंडली में बारहवें और छठे भाव में चंद्रमा होता है तब विदेश यात्रा का योग बनता है।

 
कुंडली में साथ ही साथ इस स्थिति में विदेश में रहने के योग भी बनते हैं।
 
अगर कुंडली में शनि ग्रह के साथ चंद्रमा का मिलन हो रहा हो या कुंडली के छठे भाव में शनि हो।
 
तब विदेश में यात्रा के साथ विदेश में करियर बनाने के योग बनते हैं।
 
अगर चंद्रमा लग्न और सातवें भाव में उपस्थित होता है तो व्यापार के कारण आप विदेश यात्रा करेंगे।
 
भाग्य का स्वामी अगर कुंडली में बारहवें स्थान पर बैठा हो और बारहवें भाव का स्वामी भाग्य की जगह हो तब विदेश यात्रा का योग बनता है।
 
कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी बारहवें भाव में और बारहवें भाव का स्वामी सप्तम भाव में हो।
 
ऐसे में व्यक्ति विदेश यात्रा करता है और विदेश में अपना करियर बनाता है।
 

             विदेश यात्रा के लिए उपाय-

 
अगर आप भी विदेश में यात्रा करना चाहते हैं।  प्रातः काल उठकर सूर्य देव को जल अर्पित करना चाहिए। जल देने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना चाहिए। साथ ही साथ लोटे के जल में लाल मिर्च का दाना डालना चाहिए। प्रतिदिन यह उपाय करना चाहिए जिससे सूर्यदेव प्रसन्न होते हैं। सप्तम, नवम और बारहवें ग्रहों के स्थान के लिए ग्रहों के मंत्र का जाप करना विदेश यात्रा में मदद करता है।
 
 

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